Surah Waqiah Ki Fazilat – रिज्क की तंगी दूर करने के लिए सूरह वाकियाह

नाज़रीन आज हम आपके लिए Surah Waqiah Ki Fazilat लेकर आए है । इसके पढ़ने वाले के घर मे कभी गरीबी नहीं आती । इस सूरह की तिलावत के बहुत सारे फायदे है और इसके पढ़ने का अफजल वक़्त कौन सा है ये भी हम आपको बताएंगे । सबसे पहले Surah Waqiah के बारे मे जान लेते है । नाज़रीन ये सूरह हमारे कुरान पाक के 27 वे पारे मे मौजूद है । जो मक्का मुकररमा मे नाज़िल हुई लेकिन इसकी दो आयत (81-82) मदीना मनव्वरह मे नाज़िल हुई । इस सूरह मे 96 आयत और 3 रुकु है । नाज़िल होने के एतबार से ये सूरह (46) नम ० पर है लेकिन quran ki tilawat के एतबार से (56) नम ० पर मौजूद है । नाज़रीन आज हम आपको Surah Waqiah ki fazilat in hindi भी बताएंगे । पोस्ट को आखिर तक लाज़मी पढे ताकि आपको इस सूरह की फ़ज़ीलत की मुकम्मल जानकारी मिल सके । Surah Waqiah Ki Fazilat नाज़रीन सूरह वाक़िया के फवाइद बे शुमार है रोजाना इसकी तीलावत करने से आपको और हमे दुनियावी और दीनवी फायदे हासिल हो सकते है । दोस्तों इसके पढ़ने का असल मकसद रिज्क मे बरकत और दौलत हासिल करना है तो आप भी इस सूरत को पढ़कर फायदा उठा सकते है । नाज़रीन आज के दौर मे कोई भी शख्स ऐसा नहीं है जिसको पैसे की जरूरत न हो और सब यही चाहते है के अल्लाह हमे अमीर कर दे और सदक़ा करने की तौफीक दे और कर्ज से महफूज रखे । नाज़रीन Surah Waqiah ka wazifa पढ़ने पर हर किस्म की माली तरक्की हासिल की जा सकती है । क्यूंकि हमारे नबी ने खुद फरमाया है के जिस घर मे ये सूरत पढ़ी जाए उस घर मे कभी फाका नहीं आएगा । यानि उस घर मे अल्लाह की दौलत बरसने लगती है , और गरीबी खतम हो जाती है । इसके पढ़ने की फ़ज़ीलत इतनी बड़ी है के अगर कोई शख्स अपने कारोबार को लेकर परेशान है या नौकरी नहीं लग रही या काम नहीं मिल रहा यानि हर तरीके की माली परेशानी को दूर करके उसे गनी (मालदार) करती है , लेकिन सबसे अहम इसके पढ़ने का मामूल और अल्लाह पर यकीन और नमाज़ का एहतमाम है । तब ही आप इस सूरत से फायदा हासिल कर सकते है । नाज़रीन वैसे तो आप Surah Waqiah फ़जर मे भी पढ़ सकते है , लेकिन कुछ फुकहा ने मग़रिब के बाद इसके पढ़ने का अफजल वक़्त माना है , यानि मग़रिब की नमाज़ के फौरन बाद इस सूरत को पढ़ना चाहिए । अगर किसी वजह से आपको मग़रिब मे वक़्त न मिले तो आप ईशा मे भी Surah Waqiah पढ़ सकते है । सवाब इतना ही मिलेगा और आपके घरों मे बरकत और रिज्क की दौलत बरसने लगेगी । जब आप इस सूरत को पढ़ना शुरू करे तो बिलानागा पढे यानि एक दिन भी इसे पढे बगैर न गुजरे । अब हम आपको कुछ फ़ज़ीलत हदीस की रोशनी मे बता रहे है । नाज़रीन वैसे तो आप Surah Waqiah फ़जर मे भी पढ़ सकते है , लेकिन कुछ फुकहा ने मग़रिब के बाद इसके पढ़ने का अफजल वक़्त माना है , यानि मग़रिब की नमाज़ के फौरन बाद इस सूरत को पढ़ना चाहिए । अगर किसी वजह से आपको मग़रिब मे वक़्त न मिले तो आप ईशा मे भी Surah Waqiah पढ़ सकते है । सवाब इतना ही मिलेगा और आपके घरों मे बरकत और रिज्क की दौलत बरसने लगेगी । जब आप इस सूरत को पढ़ना शुरू करे तो बिलानागा पढे यानि एक दिन भी इसे पढे बगैर न गुजरे । अब हम आपको कुछ फ़ज़ीलत हदीस की रोशनी मे बता रहे है । इबने मसूद रजि ० ने हुज़ूर सल्ल ० का ये इर्शाद नकल किया है के जो शख्स हर रात को Surah Waqiah पढे उसको कभी फ़ाक़ा नहीं होगा और इबने मसूद रजि ० अपनी बेटियों को हुक्म फरमाया करते थे के हर शब मे इस सूरत को पढे । (2) Surah Waqiah Ki Fazilat एक रिवायत मे आया है के जो शख्स Surah Waqiah पढता है वो जननतुल फ़िरदौस के रहने वालों मे पुकारा जाता है । (3) Surah Waqiah Ki Fazilat एक रिवायत मे आया है के Surah Waqiah सूरतुल गनी (suratul gani) है , इसको पढ़ो और अपनी औलाद को सिखाओ । इस सूरत को सूरतुल गनी इस लिए भी कहा जाता है क्यूंकि ये सूरत पढ़ने वाले को अमीर कर देती है । (4) Surah Waqiah Ki Fazilat नबी पाक सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के Surah Waqiah दौलत की सूरत है । इसकी तिलावत किया करो और अपने बच्चों को भी पढ़ाया करो । (इबने असाका) (5) Surah Waqiah Ki Fazilat एक रिवायत मे है के इसको अपनी बीबियों को सिखाओ और हज़रत आयेशा रजि ० अन्हा से भी इसके पढ़ने की ताकीद मनकूल है । (ये तमाम अहदीस फजाइल ऐ कुरान से ली गई है) एक अहम हदीस हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद रजि ०(ये एक सहाबी रसूल है) एक मर्तबा बीमार हो गए तो हज़रत उस्मान गनी रजि ० उनकी इयादत (बीमार को पूछना) के लिए उनके पास तशरीफ़ ले गए । उन्होंने बीमार सहाबी के हाल चाल पूछे और फिर कहने लगे के अगर आप इजाजत दे तो आपके लिए सरकारी खजाने से कुछ रुपये वगैरह भिजवा दु ताकि आप अपनी जरूरत मे इस्तेमाल कर ले । हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद रजि ० ने इरशाद फरमाया नहीं मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है तो हज़रत उस्मान गनी रजि ० कहने लगे अगर आपको इसकी जरूरत नहीं है तो वो माल आपकी औलाद के काम आ जाएगा क्यूंकि हज़रत अब्दुल्लाह की 11 बेटियाँ थी । तो हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद रजि ० ने जवाब दिया के मेरी 11 बेटियाँ है और मैंने अपनी बेटियों को Surah Waqiah पढ़ने की नसीहत कर दी है । क्यूंकि मैंने हुज़ूर रसूल करीम सल्ल ० को फरमाते हुए सुना है के जो शख्स रात को Surah Waqiah पढ़ेगा तो उसके घर मे कभी फ़ाक़ा नहीं आएगा । मेरी तमाम लड़कियां Surah Waqiah पढ़ती है इसलिए मुझे किसी के माल और आपके सरकारी खजाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी । आज आपने क्या सीखा । दोस्तों आज आपने Surah Waqiah Ki Fazilat को जाना है । आप इस सूरत को पढ़कर दुनिया की दौलत से माला-माल हो सकते है और साथ ही अपनी आखिरत के लिए भी जखीरा बना सकते है । अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे ताकि दूसरों को भी इसके पढ़ने की फ़ज़ीलत मालूम हो सके । मेरे प्यारे दोस्तों दुनिया वालों के आगे न रोकर अल्लाह के सामने रोना चाहिए क्यूंकि अल्लाह के सिवा कोई भी परेशानी को दूर नहीं कर सकता । कुरान की एक सूरत मे अल्लाह तआला फरमाते है के हम जिसको चाहते है बे हिसाब रिज्क अता फरमाते है । बेशक़

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